नवरात्रि के पवित्र दिनों में शक्ति की जितनी अधिक उपासना कर सकते हैं, करना चाहिए। क्योंकि मंत्रों से मिली यही शक्ति साल भर आपको ऊर्जा प्रदान करती है। नवरात्रि के दिनों पूजन प्रयोग में सरस्वती, महाकाली, महालक्ष्मी, लक्ष्मी या दुर्गाजी के चित्र-यंत्र-प्रतिमा का प्रयोग किया जा सकता है।
(1) ज्ञान वैराग्य में सफलता के लिए- 'ॐ ऐं नम:' स्फटिक माला से सरस्वतीजी का चित्र श्वेत वस्त्र पर स्थापित कर 11 माला नित्य करें। यथासंभव घी की आहुति दें। मंत्र के आगे 'स्वाहा' का प्रयोग करें।
(2) ऐश्वर्य प्राप्ति में सफलता के लिए-'ॐ ह्रीं नम:' लाल चंदन की माला, रक्त वर्ण वस्त्र आसनादि पुष्प लेकर 11 माला नित्य करें। घृत-मधु-शर्करा मिश्रण कर आहुति दें। रुद्राक्ष की माला भी ले सकते हैं।
(3) शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए- 'ॐ क्लीं नम:' काले हकीक की माला या रुद्राक्ष माला, रक्त वर्ण पुष्प, आसन, वस्त्रादि तथा महाकाली के चित्र को स्थापित कर 11 माला नित्य करें। अंत में घृत की आहुति दें।
(4) धन प्राप्ति में सफलता हेतु- 'ॐ श्रीं नम:' तथा कमल पर बैठी लक्ष्मी का चित्र, गुलाबी आसन, वस्त्र, कमल गट्टे की माला, गुलाब-कमल के पुष्प से अर्चन कर घृत-मधु-शर्करा से अंत में यथाशक्ति आहुति दें।
(5) कर्जमुक्ति के लिए- श्री दुर्गाजी के चित्र को रक्तवर्ण आसन, वस्त्र, पुष्पादि से पूजन कर 'ॐ दुर्गेरक्षिणि-रक्षिणि' स्वाहा की 9 माला रुद्राक्ष माला से नित्य करें तथा गौघृत-मधु-शर्करा से आहुति दें।
(6) जमीन-जायदाद, मकान इत्यादि की प्राप्ति के लिए - 'ॐ लं ॐ' का जप करें। 11 माला नित्य करें।
(7) वशीकरण में सफलता के लिए- 'ॐ क्रीं ॐ' की 11 माला नित्य करें तथा घृत-मधु-शर्करा की आहुति दें। विशेष आहुति कटु तेल, लाल चंदन, राई, मधु और अशोक पुष्प की दें।
(8) संतान प्राप्ति के लिए- 'ॐ क्रीं नम:' की 11 माला नित्य कर गौघृत की आहुति दें।