इस वर्ष चैत्र शारदीय नवरात्रि (Navratri) का पावन पर्व शुरू हो रहा है। नवरात्रि में 9 दिनों दुर्गा आराधना के साथ ही चालीसा, स्तोत्र, स्तुति पढ़ने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और हर संकट दूर करती है। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं विशेष सामग्री-
तुम्हीं विश्वजननी मूल प्रकृति ईश्वरी हो, तुम्हीं सृष्टि की उत्पत्ति के समय आद्याशक्ति के रूप में विराजमान रहती हो और स्वेच्छा से त्रिगुणात्मिका बन जाती हो। यद्यपि वस्तुतः तुम स्वयं निर्गुण हो तथापि प्रयोजनवश सगुण हो जाती हो।
तुम परब्रह्मस्वरूप, सत्य, नित्य एवं सनातनी हो। परम तेजस्वरूप और भक्तों पर अनुग्रह करने हेतु शरीर धारण करती हो। तुम सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी, सर्वाधार एवं परात्पर हो। तुम सर्वाबीजस्वरूप, सर्वपूज्या एवं आश्रयरहित हो। तुम सर्वज्ञ, सर्वप्रकार से मंगल करने वाली एवं सर्व मंगलों की भी मंगल हो।