2. गुरु का शुभ प्रभाव सुख देगा :- वर्ष की शुरुआत से 14 मई तक बृहस्पति आपकी कुंडली के दूसरे भाव में रहकर छठे भाव को देखेंगे जहां पर पहले ही शनि की सातवीं दृष्टि है जिसे वे काबू में रखकर उस भाव को शुभ बनाएंगे। गुरु अपनी नवम दृष्टि से कर्म भाव यानी दसवें भाव को देखेंगे जो आपके कार्यक्षेत्र में सफलता दिलाएंगे। इसके बाद जब गुरु आपकी कुंडली के तीसरे भाव में गोचर करेंगे तब वे पंचम दृष्टि से सप्तम, सप्तम दृष्टि से नवम यानी भाग्य भाव और नवम दृष्टि से 11वें भाव को देखेंगे। यानी लाभ भाव को देखेंगे। यानी वे वैवाहिक जीवन, नौकरी, साझेदारी के व्यापार, भाग्य और धन की स्थिति को मजबूत बनाएंगे। गुरु की दृष्टि राहु और शनि को शुभ कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जिनका विवाह नहीं हो रहा है उनका विवाह हो जाएगा। दांपत्य जीवन के लिए वर्ष 2025 सबसे शानदार साल रहेगा। जिनका भाग्य सोया हुआ है तो उसका भाग्य जागृत हो जाएगा। यह आपके भाग्य को जागृत करने आपके जीवन की काया पलट करने का काम करेगा।
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