प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। नौ दिवसीय सिद्धि प्राप्ति तथा समस्या निवारण के लिए प्रशस्त समय है। अत: निम्न मंत्रों का जाप कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानें मंत्र -
1. वशीकरण के लिए- 'ॐ कुम्भिनी स्वाहा' की 11 माला (स्फटिक की) नित्य कर अंत में यथाशक्ति हवन करें। मंत्र पढ़कर गुलाब का पुष्प दें, वशी हो।
2. वशीकरणार्थ- 'ॐ चिभि चिभि स्वाहा' की 11 माला नित्य कर नवमी को रात्रि में हवन करें। प्रात:काल जलमंत्रित कर नाम लेकर पिएं, वशी हो।
3. प्रभाव बढ़ाने के लिए 'ॐ हुं फट्' की 51 माला नित्य कर अंत में हवन करें। मंत्र पढ़कर हाथ चेहरे पर फेरें, तब घर या ऑफिस से निकलें, कार्य होगा।
4. रक्षा के लिए 'ह्रीं ह्रीं ह्रीं' की 1 माला नित्य करें। सभी उपद्रव शांत होकर रक्षा होती है।
5. देह रक्षा के लिए 'ॐ परात्मन परब्रह्म मम् शरीरं, पाहि-पाहि कुरु-कुरु स्वाहा' की नित्य 1 माला से रक्षा होती है।
6. 'ॐ श्रीं श्रियै नम:' की 101 माला रोज कर लक्ष्मीजी का पूजन करें। माला कमल गट्टे की लें। अंत में हवन करें। दारिद्रय दूर होगा।
7. लक्ष्मी-यक्षिणी की कृपा प्राप्त करने के लिए 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:' का नवरात्र प्रतिपदा से 1 माह नित्य 31 माला करें।
8. बुद्धि ज्ञान प्राप्ति के लिए नित्य पहले मंत्र की 5 व दूसरे मंत्र की 21 माला करें।
9. नवग्रह पीड़ा दूर करने के लिए निम्न मंत्र की नित्य 11 माला करें। अंत में हवन करें।
'ॐ नमो भास्कराय मम् सर्वग्रहाणां पीड़ा नाशनं कुरु कुरु स्वाहा।' इससे महादारिद्रय योग समाप्त होता है।
10. भय, नाश व आत्मशिक्त की वृद्धि के लिए 'ॐ हं हनुमते नम:' मूंगे की माला से 11 माला रोज हनुमानजी को चोला चढ़ाकर, नैवेद्यादि से पूजन कर जपें, तत्पश्चात हवन करें।