Durga ashtami Havan vidhi: शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा अष्टमी पर घर पर हवन करने की विधि और सामग्री

WD Feature Desk

सोमवार, 7 अक्टूबर 2024 (12:01 IST)
Sharadiya Navratri 2024 ashtami havan puja: नवरात्रि के अंतिम दिन हवन करने की परंपरा है, लेकिन जिन घरों में अष्टमी की पूजा और पारण होता है वहां पर उसी दिन हवन किया जाता है। अष्टमी को हवन करने का महत्व भी खास माना गया है क्योंकि इस दिन यदि दिन या रात्रि में संधि पूजा किए जाने का भी महत्व है। संधि पूजा से अष्टमी और नवमी दोनों की पूजा और हवन एक साथ हो जाता है। इस बार 11 अक्टूबर 2024 को अष्टमी की पूजा रहेगी। आओ जानते हैं हवन की सामग्री और हवन करने का तरीका।

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शारदीय नवरात्रि में अष्टमी को हवन करने की सामग्री : पहले हवन सामग्री एकत्रित कर लें। जैसे, काष्ठ, नवग्रह की नौ समिधा, घी, चौ, चावल, तिल, बूरा, फल, शहद, आदि। उचित स्थान पर 8 ईंट जमाकर हवन कुंड बना लें या बाजार से बने बनाए हवन कुंड ले आएं।
 
शारदीय नवरात्रि में अष्टमी हवन का शुभ मुहूर्त:-
 
शारदीय नवरात्रि में घर पर हवन करने की सरल विधि | How to do Havan at home:
हवन के सभी मंत्र:
ॐ आग्नेय नम: स्वाहा (ॐ अग्निदेव ताम्योनम: स्वाहा)। 
ॐ गणेशाय नम: स्वाहा। 
ॐ गौरियाय नम: स्वाहा। 
ॐ नवग्रहाय नम: स्वाहा। 
ॐ दुर्गाय नम: स्वाहा।
ॐ महाकालिकाय नम: स्वाहा।
ॐ हनुमते नम: स्वाहा।
ॐ भैरवाय नम: स्वाहा।
ॐ कुल देवताय नम: स्वाहा।
ॐ स्थान देवताय नम: स्वाहा
ॐ ब्रह्माय नम: स्वाहा।
ॐ विष्णुवे नम: स्वाहा।
ॐ शिवाय नम: स्वाहा।
ॐ जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा।
ॐ स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
ॐ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: क्षादी: भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: स्वाहा। 
ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंम् पुष्टिवर्धनम्/ उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मृत्युन्जाय नम: स्वाहा। 
ॐ शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते। 

 

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