यूथ को बूथ तक पहुंचना होगा...

शनिवार, 23 नवंबर 2013 (19:58 IST)
KANAK MEDIA
अब तक होता यह आया है कि समाज का युवा एवं शिक्षित वर्ग चुनाव के दिन होने वाले सार्वजनिक अवकाश के दिन या तो अपने घरेलू काम निपटाते हैं अथवा आमोद-प्रमोद में बिताते हैं। शिक्षित वर्ग तो यही कहकर अपने हक को भूल जाता है कि 'कोई नृप होय हमें का हानी...। सही मायनों में इस वर्ग का सोचना वाजिब है क्योंकि आज तक जो भी सरकार आई उसने प्रदेश के विकास के नाम पर अपना विकास किया है।

विधानसभा चुनावों में बहुत कम दिन रह गए हैं और इन दिनों में प्रदेश के युवा एवं शिक्षित वोटर्स को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए ताकि वे काबिल सरकार को चुनकर प्रदेश के विकास में भागीदारी निभा सकें। वह योग्य एवं अनुभवी, ईमानदार प्रत्याशी को चुनकर विधानसभा में भेज सके।

इस बार विधानसभा में खड़े हुए प्रत्याशियों का करीब पचास प्रतिशत वर्ग ऐसा है जिन्हें रिटायरमेंट ले लेना चाहिए, लेकिन सत्ता मोह में चुनावी मैदान में डटे रहना चाहते हैं। यही नतीजा होता है कि कोई भी सरकार अपने कार्यकाल के चार साल तक किसी विकास की बात नहीं करती और कार्यकाल के अंतिम एक साल में नानाविध घोषणाएं कर उन पर अमल शुरू कर देती हैं।

नतीजा यह होता है कि जब तक योजना अपना मूर्तरूप ले सरकार का कार्यकाल पूरा हो जाता है और अब यह निर्भर करता है कि वह अपनी पूर्ववर्ती सरकार की घोषणाओं पर ध्‍यान दे। नई सरकार आती है और पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं में मीन-मेख निकालते हुए उसमें आमूलचूल परिवर्तन कर योजनाओं का भट्टा बैठा देती है। इस बार दोनों प्रमुख दलों ने लोकलुभावन घोषणा पत्र जारी किए हैं।

किसी भी पार्टी के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जो नया हो, चाहे गुर्जर आरक्षण हो या निर्धन वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं का मसविदा, इन दोनों मुद्दों से समाज का एक बड़ा वर्ग प्रलोभन में आ जाता है और ऐसे प्रत्याशी को सदन में भेज देता है जिसे अपनी पार्टी के वादों पर तीन-चार साल तक ध्‍यान नहीं जाता। आखिरी साल में विधायक कोष से ढेरों काम शुरू हो जाते हैं और उनमें से पचास प्रतिशत काम पूरा होने तक सरकार बदल जाती है।

इस बार के चुनाव में युवा वर्ग से मतदान की अपील की जा रही है। युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक और रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजनों से लगता है इस बार युवा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और जो पार्टी इस वर्ग के बारे में सटीक तरीके सोचने की बात कहेगी युवा वर्ग ऐसी ही पार्टी के पक्ष में अपना हाथ उठाएगा।

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