नई दिल्ली। दूरदर्शन को दिए साक्षात्कार में भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने प्रियंका गांधी को बेटी जैसा करार दिया। इसी साक्षात्कार में मोदी ने सोनिया के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को भी अपना दोस्त बता दिया और प्रियंका बेटी जैसी की तरह दूरदर्शन ने इसे भी उड़ा दिया।
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यह विवाद उस समय ओर बढ़ गया जब मोदी पर साक्षात्कार लेने वाले अशोक श्रीवास्तव ने भी ट्वीट कर कहा कि एक चैनल के तौर जो दूरदर्शन की उपलब्धि थी, उस पर तारीफ के बजाय हम अनावश्यक विवाद में घिर गए। साक्षात्कार 54 मिनट का था और उसे घटाकर 34 मिनट का कर दिया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। पर मैं अथॉरिटी नहीं हूं।
मोदी के बेटी संबंधी बयान पर प्रियंका से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो सिर्फ अपने पिता राजीव गांधी की बेटी हैं। उन्होंने 20 साल पहले देश के लिए जीवन बलिदान कर दिया। मैं ऐसी तुलना पसंद नहीं करूंगी।
प्रियंका के जवाब के बाद नरेन्द्र मोदी के दफ्तर ने यू ट्यूब पर दूरदर्शन के साक्षात्कार का वो अंश जारी किया है जिसमें मोदी से प्रियंका पर सवाल पूछा गया, लेकिन इस जवाब में मोदी ने कहीं भी प्रियंका को बेटी जैसा नहीं कहा। प्रियंका द्वारा लगातार हमला किए जाने संबंधी सवाल पूछे जाने पर मोदी ने कहा था कि मैं इन बातों को सीरियसली नहीं लेता, क्योंकि कोई भी बेटी अपनी मां और भाई के लिए कुछ भी कहेगी।
मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि इतना अवसर तो उसे देना ही चाहिए। मैं सोचता हूं कि अगर वो बेटी अपनी मां और भाई के लिए तो प्रचार करेगी ही। एक बेटी के नाते मैं इस पर बुरा नहीं मानूंगा। इससे भी दस गालियां ज्यादा दे तो भी मैं बुरा नहीं मानूंगा। क्योंकि एक बेटी मां के लिए तो करेगी ही। अगर इतना भी हक नहीं देंगे तो कोई बात नहीं।
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नया विवाद इंटरव्यू के उस हिस्से को लेकर है जिसमें मोदी ने सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को अपना 'अच्छा दोस्त' बताया था। लेकिन प्रसारित होने से पहले उसे काट दिया गया।
साक्षात्कार में मोदी ने कहा था कि काग्रेस पार्टी में अहमदभाई मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से रहे हैं, लेकिन अब नहीं हैं... मेरी उनसे अच्छी दोस्ती रही है और हम लोग उन्हें बाबू भाई कहते थे। मैं चाहता था कि यह ऐसे ही बनी रहे... लेकिन अब वह मुझसे दूर हो गए हैं और मेरा कॉल भी नहीं लेते हैं।
अहमद पटेल ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में मोदी से दोस्ती की बात को नकारते हुए कहा कि जहां तक मुझे याद है, मैंने उनके साथ 80 के दशक में एक बार लंच किया था, जब वह भाजपा के महासचिव थे। इसकी जानकारी मेरे नेता राजीव गांधी को थी। 2001 में जब वो मुख्यमंत्री बने तब से मैंने मोदी के साथ चाय तक नहीं पी।
पटेल ने कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी यदि यह सिद्ध कर दें कि उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद वह कभी उनके निवास या कार्यालय गये हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे।