लखनऊ। यहां प्राप्त हुई रिपोर्ट्स के अनुसार आजमगढ़ संसदीय चुनाव क्षेत्र में राज्य सरकार के मतदानकर्मियों ने समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायमसिंह यादव के पक्ष में मत देने के लिए मतदाताओं पर दबाव बनाया गया।
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष और एक प्रत्याशी मौलाना अमीर रशादी ने सोमवार को आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने मतदाताओं को सपा प्रमुख मुलायमसिंह यादव के खिलाफ मतदान करने से हतोत्साहित किया।
हालांकि आजमगढ़ लोकसभा संसदीय सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार इस सीट पर बहुकोणीय मुकाबला हो रहा है और यहां सपा प्रमुख की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। रशादी खुद यहां से एक उम्मीदवार हैं। वे काफी संख्या में मुस्लिम मतों को हासिल कर सकते हैं।
मौलाना का आरोप है कि आम तौर पर मतदान केन्द्र के अंदर लाइन में चार पांच लोगों को एक साथ अंदर भेजा जाता है और वे वहां अपना वोट देते हैं। लेकिन इस बार मतदान अधिकारी शिबली कॉलेज के मतदान केन्द्र पर मात्र दो लोगों को अंदर भेज रहे थे। मुझे पता लगा है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लोगों को मुलायम के पक्ष में मतदान करने पर जोर दे रहे थे। बहुत सारे मतदाता इस कारण से वापस लौट आए क्योंकि वे बहुत लम्बे समय तक इंतजार नहीं कर सके।
रशादी का आरोप है कि मुलायम को जिताने के लिए सपा के वरिष्ठ नेताओं समेत मुलायम के भाई और लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह डेरा डाले रहे। यहां के वर्तमान सांसद और भाजपा के प्रत्याशी रमाकांत यादव ने भी आरोप लगाया है कि चुनाव अधिकारी मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। उनका कहना है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात राज्य सरकार के अधिकारी समाजवादी पार्टी के एजेंटों की तरह से व्यवहार कर रहे थे।