नई दिल्ली। अगली सरकार बनने से पहले भाजपा से नजदीकी बढ़ाने की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए राकांपा ने बुधवार को कहा कि वह संप्रग में है और संप्रग में बनी रहेगी।
इससे एक दिन पहले राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल की ‘स्थिर’ सरकार संबंधी टिप्पणी से भाजपा और राकांपा के बीच गठबंधन के बारे में अटकलें लगने लगी थीं।
राकांपा प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने कहा कि हम संप्रग में हैं और संप्रग में बने रहेंगे। अगर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी तो हम विपक्ष में बैठेंगे। शरद पवार के भाजपा से करीबी बढ़ाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई सवाल ही नहीं है, यह सही नहीं है।
त्रिपाठी की टिप्पणी तब आई है, जब मंगलवार को ही प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि देश में स्थिर सरकार बननी चाहिए, जो अगले 5 साल निर्णायक ढंग से शासन चलाए। उन्होंने कहा था कि देश को आगे बढ़ना है इसलिए जनादेश का सम्मान किया जाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि अगर राजग 272 सीटों के आंकड़े से दूर रह जाती है, तब क्या राकांपा समर्थन देगी? पटेल ने कहा था कि इस संबंध में किसी का पक्ष लेने के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि चाहे चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कहें या एक्जिट पोल, आम धारणा यह है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आ रही है।
उन्होंने कहा था कि सवाल यह है कि वे जादुई आकंड़े के कितने करीब पहुंच पाते हैं, यह सब 16 मई तक स्पष्ट हो जाएगा, लेकिन सरकार स्थिर होनी चाहिए। स्थिर और अच्छी सरकार देश के लिए अच्छी होती है।
गौरतलब है कि राकांपा संप्रग का दूसरा सबसे बड़ा घटक है और कांग्रेस तथा राकांपा के बीच महाराष्ट्र में 1999 से ही गठबंधन है। दोनों दल 2004 से ही केंद्र सरकार में साझेदार हैं। (भाषा)