नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘मौत का सौदागर’ टिप्पणी को पुनर्जीवित करते हुए गोधरा की घटना और इसके बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए उन्हें दोषी ठहराया और कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर यह कथन फिट बैठता है।
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कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा तीन उपचुनावों में पराजित हुई। इसके बाद उन्होंने गोधरा ट्रेन हादसा और दंगों की ‘इजाजत’ दे दी। अगर आप उनको मौत का सौदागर नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।
उनकी यह टिप्पणी उस सवाल के जवाब में आई है कि क्या कांग्रेस अभी भी यह समझती है कि मोदी ‘मौत का सौदागर’ हैं। सोनिया गांधी द्वारा 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान की गई इस तरह की टिप्पणी ने भारी राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया था। चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के भय के चलते इस तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया।
कांग्रेस प्रवक्ता की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राहुल गांधी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अपनी बातचीत के दौरान उनसे व्यक्तिगत हमलों से परहेज करने को कह चुके हैं। गोहिल ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से भी मुलाकात की और उन्हें गुजरात में तटवर्ती सुरक्षा में ‘अनेक त्रुटियों’’ का हवाला देते हुए एक ज्ञापन दिया।
उन्होंने गृह मंत्री से कहा कि वह इस संबंध में पहले ही गुजरात के मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख चुके हैं लेकिन उन्होंने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है। उन्होंने भाजपा प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपने नेताओं की सुरक्षा की मांग को लेकर गृहमंत्री से की गई मुलाकात पर भी कटाक्ष किया और कहा कि गृह मंत्री ने बताया है कि खुफिया ब्यूरो की ओर से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है।
गोहिल ने कहा कि मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या आईबी गृहमंत्री को रिपोर्ट करती है या भाजपा को। ऐसे मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता देशवासियों की सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं है और कहा कि क्या भाजपा नेताओं का खून, खून है और दूसरे देशवासियों का खून नहीं बल्कि पानी है।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी के इस दावे को भी गलत बताया कि गुजरात में किसान आत्महत्या नहीं करता। उन्होंने कहा कि गुजरात पहला राज्य है जहां आत्महत्या करने वाले किसान के परिवार को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जाती ।
गोहिल ने मोदी के विकास मॉडल पर चुटकी लेते हुए कहा कि गुजरात में जब कांग्रेस की सरकार थी तो किसानों को 18 घंटे बिजली मिलती थी आज उन्हें सिर्फ आठ घंटे बिजली मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में साढ़े तीन लाख किसानों ने खेती का काम छोड़ दिया और मजदूरों की संख्या 17 लाख बढी है। (भाषा)