मैं तिलक नहीं लगा सकता तो मोदी क्यों पहने टोपी

नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कहा है कि मोदी को गुजरात दंगों के लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं है।

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एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मदनी ने कहा कि अगर मोदी दोषी हैं तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि माफी मांगने से नुकसान कम नहीं हो जाता। हालांकि मदनी ने यह भी कहा कि मोदी धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं।

मदनी ने कहा कि मोदी को मुस्लिम टोपी पहनने की जरूरत नहीं है। किसी भी इंसान को जबरन धार्मिक चिह्न लेने की जरूरत नहीं। जिस तरह मैं तिलक नहीं लगा सकता, उसी तरह मोदी का मुस्लिम टोपी न पहनना गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि हर मजहब के लोगों का विकास जरूरी है। मोदी के आने से किसी खतरे की बात से साफ इंकार करते हुए कहा कि 'अगर मोदी सत्ता में आए तो कोई खतरा नहीं है।

साथ ही यह कहना भी गलत है कि मोदी के पीएम बनने से देश बंटेगा।' मदनी ने कहा कि गुजरात में योजना बनाकर दंगे किए गए थे। दंगों का होना देश की बेइज्जती है।

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लोगों की राय में मोदी सेक्युलर नहीं है और मेरी भी यही राय है। भाजपा के पीएम प्रत्याशी की संभावनाओं पर मदनी ने कहा कि मोदी का प्रधानमंत्री बनना चुनाव के नतीजे तय करेंगे। मोदी की सोच संकीर्ण है। मोदी की काबिलियत पर मुझे शक है। लोग जिस व्यक्ति को सीएम के तौर पर नहीं देखना चाहते, उसे पीएम बनता कैसे देख सकते हैं। मदनी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों ने धर्मनिरपेक्षता का गलत इस्तेमाल किया है।

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सपा नेता आजम खां के विवादित बयान का बचाव करते हुए कहा कि'मुसलमान इस देश में दूसरे नंबर के बहुसंख्यक हैं और कोई भी दुश्मन भारत की तरफ आंख दिखाता है, तो मुस्लिम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे। (एजेंसियां)

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