कृष्णनगर/राणाघाट (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी पर असम में हिंसा भड़काने का रविवार को आरोप लगाया और पश्चिम बंगाल में जाति आधारित हिंसा को कथित तौर पर उकसावा देने को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
ममता ने यहां कृष्णनगर में एक चुनाव रैली में कहा, वह जाति आधारित हिंसा करना चाहते हैं। हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए और राज्य में प्रचार की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने भाजपा पर साम्प्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा, हम हर किसी को अपने दिल के पास रखेंगे, चाहे वह हिंदू, मुसलमान, बंगाली और गैर-बंगाली ही क्यों न हो। हम दिल्ली को हिला कर रख देंगे।
ममता ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा, दंगा कराने वाले लोग राष्ट्र के नेता नहीं बन सकते। उनकी टिप्पणी के चलते असम में बेकसूर अल्पसंख्यकों को काट डाला गया। ऐसे लोग जो देश का नेतृत्व करेंगे, यदि वे खुद दंगा भड़काएंगे तो राष्ट्र का क्या होगा।
अपने फेसबुक पोस्ट पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के आकांक्षी सहित कुछ राजनीतिक पार्टियों की कुछ खास टिप्पणियां आग में घी डालने का काम कर रही है। उन्होंने नादिया जिले में एक चुनाव सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने इतनी निम्नतम राजनीति कभी नहीं देखी।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि एक पार्टी सत्ता में रहे बगैर इस स्तर तक जा सकती है तो यह सत्ता में आने पर निश्चित तौर पर देश को जला देगी।
बांग्लादेशी घुसपैठियों पर क्या बोली ममता, अगले पन्ने पर...
सेरामपोर में ही में एक रैली में मोदी ने कथित तौर पर कहा था कि यदि राजग सत्ता में आता है तो बांग्लादेशी घुसैपैठियों को वापस भेज दिया जाएगा। इन लोगों का पश्चिम बंगाल में वोट बैंक की राजनीति के चलते स्वागत किया जा रहा है।
इस बीच, आसनसोल में एक रैली में मोदी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक की राजनीति के चलते देश में आने की इजाजत दी गई पर उन्हें वापस भेजा जाएगा जबकि बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर निकाले गए शरणार्थियों का खुले दिल से स्वागत किया जाएगा। वहीं, ममता ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा वह किसी भी व्यक्ति को हाथ लगा कर तो देखें, मैं दिल्ली को हिला कर रख दूंगी।
ममता ने मोदी पर देश के इतिहास की जानकारी न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इंदिरा गांधी और मुजीबुर रहमान के बीच 1971 में हुए समझौते के तहत बांग्लादेशी यहां आए। उन्होंने मोदी पर बंगाल के इतिहास से अनभिज्ञ होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा वह देश का इतिहास, बंगाल की विरासत और संस्कृति नहीं जानते और एक के खिलाफ दूसरे को खड़ा कर विभाजन की राजनीति कर रहे हैं जो उन्हें नहीं करने दी जाएगी। ममता ने कहा मैंने इतने निचले स्तर की राजनीति कभी नहीं देखी। जिले में मतदान 12 मई को होगा।
मोदी ने आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इस पर ममता ने कहा था कि पहले कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती थी लेकिन नयी सरकार के बनने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और मामलों की सुनवाई हो रही है।
उन्होंने कहा आप महिलाओं और बंगाल के भाइयों का अपमान कर रहे हैं। शारदा चिटफंड घोटाले के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य में जब माकपा का शासन था और केंद्र में भाजपा की सरकार थी तब संचयिता जैसे चिटफंड अस्तित्व में आए। राजग में आप सत्ता में थे। तब आपने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। चुनाव के पहले यह नाटक क्यों ? ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग बनाया और मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन को भी पकड़ा।