प्रधानमंत्री पर विशेषाधिकार हनन का आरोप

गुरुवार, 16 अगस्त 2007 (15:03 IST)
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह पर परमाणु समझौते के बारे में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए वामदलों सहित समूचे विपक्ष ने लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया तथा इस पर तत्काल चर्चा कराने की माँग की, जिस पर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

सदस्यों का आरोप था कि अमेरीका के साथ हुए असैन्य परमाणु सहयोग समझौते के बारे में प्रधानमंत्री ने सदन में गलतबयानी की है।

अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने उत्तेजित सदस्यों को बताया कि उन्हें भाजपा के विजय कुमार मल्होत्रा का विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस मिला है, जिस पर वह नियम के अनुसार फैसला करेंगे। विपक्षी सदस्य प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की अनुमति देने की माँग कर रहे थे।

आधे घंटे के स्थगन के बाद 11.30 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई भाजपा और समाजवादी पार्टी के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर अध्यक्ष से पूछने लगे कि विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर क्या फैसला किया गया। अध्यक्ष ने कहा कि वह नियमानुसार फैसला करेंगे, लेकिन उन्हें किसी फैसले के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

विपक्षी सदस्यों का कहना था कि यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री ने संसद में दिए गए अपने बयान से सदन को गुमराह किया है।

अध्यक्ष ने सदस्यों के व्यवहार पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि लगता है कि कुछ सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही चलने नहीं देना चाहते। सदस्यों के शांत नहीं होने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गत 13 अगस्त को संसद के दोनों सदनों में परमाणु सहयोग समझौते पर बयान दिया था, जिसमें भारत के परमाणु परीक्षण करने के अधिकार की सुरक्षा पर जोर दिया गया था। दूसरी ओर अमेर‍िकी प्रशासन के अधिकारी ने अपनी व्याख्या में कहा है कि भारत द्वारा परमाणु परीक्षण करने पर यह समझौता रद्द हो जाएगा।

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