Project Cheetah : प्रोजेक्ट चीता अच्छा काम कर रहा, NTCA ने जारी की रिपोर्ट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (23:36 IST)
NTCA released report on Project Cheetah : अफ्रीका से लाए गए चीतों का शीघ्र और सफल प्रजनन यह दर्शाता है कि उन्हें फिर से बसाने की परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और भारत में चीतों के पर्यावास की स्थितियां उनकी स्थिर आबादी को सहारा देने के लिए अनुकूल हैं।
 
एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। ‘प्रोजेक्ट चीता’ के दो वर्ष पूरे होने पर 17 सितंबर को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा जारी रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि भारतीय अधिकारियों ने चीतों द्वारा सफल प्रजनन सुनिश्चित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। एसओपी में बाड़ों के भीतर संसर्ग के अवसरों का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करना शामिल है।
ALSO READ: कूनो नेशनल पार्क में चीता परियोजना के 2 साल पूरे, क्या बोले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
इस परियोजना को एक बड़ा समर्थन तब मिला जब दो वर्षों में भारतीय धरती पर 17 शावकों का जन्म हुआ, जिनमें से 12 जीवित रहे। रिपोर्ट में कहा गया, यह तथ्य कि परियोजना के आरंभ में ही चीते कुनो में प्रजनन करने में सक्षम हो गए हैं, इस बात का सशक्त संकेत है कि पर्यावास की स्थितियां उनके जीवित रहने के लिए उपयुक्त हैं।
 
रिपोर्ट में कहा गया, इस प्रारंभिक सफलता से पता चलता है कि फिर से उन्हें बसाने के प्रयास अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं और कुनो में पर्यावरण स्थिर और उन्नत चीता आबादी को सहारा देने के लिए अनुकूल है।
ALSO READ: कूनो के बाद अब यहां बनेगा चीतों का नया आशियाना, एक टाइगर रिजर्व की सौगात भी जल्द
एनटीसीए, भारतीय वन्यजीव संस्थान और मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रजनन से आमतौर पर यह संकेत मिलता है कि जानवरों ने नए वातावरण के साथ अच्छी तरह से तालमेल बैठा लिया है, वे स्वस्थ हैं और अपनी बुनियादी पारिस्थितिकी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं।
 
चीता प्रजनन कई कारणों से बेहद चुनौतीपूर्ण है, जिनमें उनकी कम आनुवंशिक विविधता भी शामिल है, जिसके कारण प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
NTCA released report on Project Cheetah : अफ्रीका से लाए गए चीतों का शीघ्र और सफल प्रजनन यह दर्शाता है कि उन्हें फिर से बसाने की परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और भारत में चीतों के पर्यावास की स्थितियां उनकी स्थिर आबादी को सहारा देने के लिए अनुकूल हैं।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी