देस के दिल में बसे प्रदेश ने परदेस में
अपने हर-दिल अज़ीज़ों को सादर बुलाया,
और मित्रों ने बाहें फैलाकर सर्दी, बरफ को भुला दिया,
लिंकन सेंटर में ढोल धमाके का सिंहस्थ सज़ा दिया
कोनक्लेव में सहज, सरल, सत्कार ने सबके दिलों को छू लिया
अमेरिका और मध्यप्रदेश के दोस्तों को एक दूसरे से मिला दिया!
वक़्त गुजर जाता है, लगा था आप लौट कर फिर जल्दी आएँगे,
आप भी मसरूफ़ हो गए और शायद कुछ हम भी;
ये तो दोस्ती का रिश्ता है, पीढ़ी दर पीढ़ी का,
लिंकन सेंटर तो मैत्री का उद्गम अमरकंटक है,
दिलों की नर्मदा में स्नेह-घाट कई बाकी हैं!
कुंभ महापर्व हेतु नमन और श्रद्धा सम डुबकी,