मित्रता दिवस पर कविता : प्यारे दोस्त
कड़कती धूप में गन्ने का रस जैसे
सर्दियों में चाय की गरम सेंक जैसे
जैसे रसमलाई नरम जैसे पकौड़े करारे है
दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं, दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं
सफेदी पर जैसे रंगों की फुहारे है
दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं, दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं
किस्मत की मुबारक लकीरें हैं
जमीन पर उतरे आसमां के तारे हैं...
दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं, दोस्त मेरे बड़े प्यारे हैं।