×
SEARCH
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हिन्दी में प्रवासी साहित्य : सौगात...
लावण्या शाह
जिस दिन से चला था मैं,
वृंदावन की सघन घनी,
कुंज-गलियों से,
राधे, सुनो तुम मेरी मुरलिया,
फिर ना बजी,
किसी ने तान वंशी की
फिर ना सुनी।
वंशी की तान सुरीली,
तुम-सी ही सुकुमार,
सुमधुर, कली-सी,
मेरे अंतर में,
घुली-मिली-सी,
निज प्राणों के कंपन-सी,
अधर रस से पली-पली-सी।
तुम ने रथ रोका- अहा! राधिके!
धूलभरी ब्रज की सीमा पर,
अश्रुरहित नयनों में थी,
पीड़ा कितनी सदियों की।
सागर के मंथन से,
निपजी, भाव माधुरी,
सौंप दिए सारे बीते क्षण,
वह मधु-चन्द्र-रजनी,
यमुना जल कण, सजनी।
भाव सुकोमल सारे अपने,
भूत भव के सारे वे सपने,
नीर छ्लकते हलके-हलके,
सावन की बूंदों का प्यासा,
अंतरमन चातक पछतता,
स्वाति बूंद तुम अंबर पर,
गिरी सीप में मोती बन।
मुक्ता बन मुस्कातीं अविरल,
सागर मंथन-सा मथता मन,
बरसता जल जैसे अंबर से,
मिल जाता दृग अंचल पर।
सौंप चला उपहार प्रणय का,
मेरी मुरलिया, मेरा मन,
तुम पथ पर निस्पंद खड़ी,
तुम्हें देखता रहा मौन शशि,
मेरी आराध्या, प्राणप्रिये,
मनमोहन मैं, तुम मेरी सखी।
आज चला वृंदावन से,
नहीं सजेगी मुरली कर पे,
अब सुदर्शन चक्र होगा हाथों पे,
मोर पंख की भेंट तुम्हारी,
सदा रहेगी मेरे मस्तक पे।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
जरुर पढ़ें
ग्लोइंग स्किन के लिए चेहरे पर लगाएं चंदन और मुल्तानी मिट्टी का उबटन
वर्ल्ड लाफ्टर डे पर पढ़ें विद्वानों के 10 अनमोल कथन
गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे
वर्कआउट करते समय क्यों पीते रहना चाहिए पानी? जानें इसके फायदे
सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है खाने में तड़का, आयुर्वेद में भी जानें इसका महत्व
नवीनतम
इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग
The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल
गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि
क्या आपका बच्चा भी चूसता है अंगूठा तो हो सकती है ये 3 समस्याएं
ऐप में देखें
x