जिगर में दर्द तो है

- नसीर आरजू
ND

जिगर में दर्द तो है दिल में इज्तिराब तो है
तुम्हारे गम में मेरी जिंदगी खराब तो है।

मैं सिर्फ तीरा-शबी पर यकीं नहीं रखता
अभी जमीं पे चमकने को आफताब तो है।

अभी सुरूर के अस्बाब पाए जाते हैं
कि मैकदे में सुराही तो है, शराब तो है।

हर एश शख्‍स जमाने में इंकिलाबी है
कि इंकिलाब नहीं, फिक्रे-इंकिलाब तो है।

गुजर रही है तसव्वुर में जिंदगी अपनी
अब आरजू न सही आरजू का ख्वाब तो है।

साभार- गर्भनाल