भारतीय मूल के अफ्रीकी अहमद कथरादा का निधन

जोहानिसबर्ग। नेल्सन मंडेला के करीबी सहयोगी रहे भारतीय मूल के दक्षिणी अफ्रीकी रंगभेद विरोधी नेता अहमद कथरादा का मस्तिष्क के ऑपरेशन में आई कुछ जटिलताओं के कारण आज अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। 
 
उनके फाउंडेशन ने बताया, अहमद का निधन आज सुबह डोनाल्ड गॉर्डन अस्पताल में हुआ।
 
राजनीतिक बंदी के रूप में सबसे लंबा समय गुजारने वाले देश के नेताओं में से एक अहमद को निर्जलीकरण की शिकायत के बाद चार मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में डॉक्टरों ने उनके मष्तिष्क में थक्का जमा हुआ देखा और उसे हटाया।
 
अहमद कथरादा फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक नीशान बाल्टन ने कहा, ऑपरेशन के बाद उन्हें ‘विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हुईं।’ उन्होंने कहा, ‘एएनसी (अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस), वृहद मुक्ति आंदोलन और सम्पूर्णता में दक्षिण अफ्रीका के लिए यह बड़ी हानि है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह फलस्तीनी संघर्ष के प्रति अपने समर्थन पर अटल थे।’ बाल्टन ने कहा, ‘कैथी दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थे।’ राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अहमद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ‘अपना युवा जीवन नि:स्वार्थ सेवा’ में गुजारने के लिए उनकी प्रशंसा की।
 
उन्होंने अहमद के लिए विशेष औपचारिक अंतिम संस्कार की घोषणा की।
 
राष्ट्रपति ने निर्देश दिया कि आज से लेकर आधिकारिक श्रद्धांजलि सभा होने तक पूरे देश में झंडा आधा झुका रहेगा।
 
जुमा ने कहा, परिवार ने निजी तौर पर अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया है।
 
उन्होंने कहा अहमद के अंतिम संस्कार में सरकार का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति सिरिल रामपोशा करेंगे। (भाषा) 
 

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