यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय के सामने आएगा, जहां सरकार इस मुद्दे पर अपनी स्थिति विस्तार से पेश करेगी। निर्वाचन आयोग, विधि मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों वाली समिति ने पिछले वर्ष उच्चतम न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपने से पूर्व सभी वर्गों से उनके विचार जाने थे।