हमें ऋण चाहिए - रतन टाटा

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ब्रिटेन में जगुआर लैंड रोवर ब्रांड कारों का उत्पादन और कोरस इस्पात कंपनी का संचालन कर रहे भारत के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा ने विनिर्माण क्षेत्र की अनदेखी करने के लिए ब्रिटिश सरकार की कड़ी आलोचना की है। टाटा ने कहा है कि हम ब्रिटेन सरकार से बेलआउट नहीं माँग रहे हैं, बल्कि सिर्फ यह चाहते हैं कि हमें व्यापारिक शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए।

ब्रिटिश अखबार 'संडे टाइम्स' को दिए साक्षात्कार में टाटा ने कहा हम कंपनी के भविष्य के लिए उत्तरदायी हैं, पर ऋण के मामले में स्थिति अभी काफी खराब है। कोई भी ऐसी स्थिति में परिचालन नहीं कर सकता, जब तक उसके पास पर्याप्त मात्रा में नकदी न हो। हमारे पास नकदी नहीं है। मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि सरकार विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान नहीं दे रही है।

रतन टाटा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब इस तरह की खबरें आई हैं कि ब्रिटेन सरकार जगुआर और लैंड रोवर को कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है। समझा जाता है कि इस गारंटी के बदले ब्रिटेन सरकार कंपनी के प्रबंध में कुछ दखल चाहती थी, जिसे टाटा ने स्वीकार नहीं किया।

टाटा ने कहा मैं ब्रिटेन सरकार से सिर्फ एक भूमिका चाहता हूँ। बैंकों का नियंत्रण सरकार के हाथ में है। मैं चाहता हूँ कि सरकार हमें व्यापारिक शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराए। यह बेलआउट नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री गार्डन ब्रउन की प्रशंसा की और कहा कि वे बड़े भरोसे लायक व्यक्ति हैं और मुझे लगता है कि वे ब्रिटेन के उद्योगों की मदद करना चाहते हैं, पर उनकी इच्छा पर अमल नहीं हो रहा है।

ब्रिटेन में टाटा समूह सबसे प्रमुख निवेशकों में से है। जेएलआर और कोरस (जिनमें कुल मिलाकर 40000 कर्मचारी हैं) के अलावा टाटा के पास एक अन्य कंपनी टेटली टी भी है। साथ ही ब्रिटेन में समूह की मौजूदगी रसायन और आईटी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी है।

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