चीन की 24 वर्षीय शान झेंग ने 1992 के बार्सिलोना ओलिम्पिक में ऐसा कारनामा कर दिखाया कि उनका नाम ओलिम्पिक इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। शान ने खेल महाकुंभ के अंतर्गत निशानेबाजी जैसे खेल में पुरुषों को हराने वाली पहली महिला होने का श्रेय हासिल कर लिया।
बार्सिलोना की स्किट स्पर्धा में झेंग ने प्रारंभिक चरण में 200 में से 200 अंकों का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया और फिर कुल 223 अंकों के साथ स्वर्णिम सफलता हासिल की।
उन्होंने पदकों की होड़ में लगे 40 पुरुष तथा 5 महिला प्रतिद्वंद्वियों को पराजित किया। बार्सिलोना ओलिम्पिक में निशाने बाजी में तीन स्पर्धाएं (ट्रेप, स्किट, 10 मीटर रनिंग टारगेट) ओपन वर्ग के लिए हुई थीं जिनमें पुरुष तथा महिलाओं ने एक साथ हिस्सा लिया था।
एक महिला का इस तरह पुरुषों को हराना अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी यूनियन को नागवार गुजरा और उसने अगले ओलिम्पिक में पुरुषों के साथ महिलाओं के भाग लेने पर पाबंदी लगा दी। इस वजह से झेंग अपने खिताब की रक्षा नहीं कर सकी।
वर्ष 2000 के सिडनी ओलिम्पिक में महिलाओं के लिए स्किट स्पर्धा अलग से प्रारंभ की गई, लेकिन ज्यादा अभ्यास नहीं होने की वजह से झेंग इसमें आठवां स्थान ही अर्जित कर पाईं।
यहां उल्लेखनीय बात यह है कि शिचुआन प्रांत के नानचोंग में जन्मी झेंग को 1976 में बास्केटबॉल के विशेष प्रशिक्षण के लिए चुना गया था और उन्होंने स्किट निशानेबाजी का अभ्यास करना 1984 में शुरू किया। वे 1989 में पहली बार राष्ट्रीय टीम में चुनी गईं और 3 वर्ष बाद ही ओलिम्पिक में अपने प्रदर्शन से दुनिया को भौंचक्का कर दिया।