क्या विजेंदर-जितेंदर तोड़ पाएँगे अंतिम गतिरोध

मंगलवार, 19 अगस्त 2008 (20:41 IST)
मुक्केबाज अखिल कुमार की हार के साथ ही अपनी पकड़ में माना जा रहा एक ओलिम्पिक पदक गँवाने वाला भारतीय दल अब विजेंदर कुमार और जितेंदर कुमार से उम्मीद लगाए बैठा है कि वे दोनों बुधवार को होने वाले अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतकर भारत को पदक दिलाएँगे।

दरअसल भारतीय खेमे को अखिल से पदक की पूरी उम्मीद थी और वह क्वार्टर फाइनल मैच में उनकी जीत पक्की मान रहा था, लेकिन सोमवार को माल्दोवा के वीसेस्लाव गोजां के खिलाफ मैच में अखिल ने अति आत्मविश्वास में आते हुए खुद को एक्सपोज कर दिया और उनकी यही रणनीतिक भूल भारत को पदक से वंचित कर गई।

मगर अब भारतीय मुक्केबाजी दल इस अप्रत्याशित हार के सदमे से उबरकर जितेंदर और विजेंदर के मुकाबलों पर ध्यान लगाने में जुट गया है1 विजेंदर को 75 किग्रा भार वर्ग में इक्वाडोर के कार्लोस गोंगोरा से भिड़ना है जबकि उनके साथी जितेंदर 51 किग्रा भार वर्ग में रूस के गैरी बलाकशिन का सामना करेंगे।

मुख्य मुक्केबाजी कोच जी एस संधू ने कहा कि दोनों ही मुक्केबाज अपने मुकाबलों को लेकर काफी गंभीर हैं और इस स्तर पर किसी भी विपक्षी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जिस पदक को हम अपना मान रहे थे उसे तो कल गँवा बैठे, इसलिए अगले मुकाबलों के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं इन दोनों मुक्केबाजों से भी पदक की उम्मीद करता हूँ।

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