धन के लिए तैराकी नहीं-फेल्प्स

शनिवार, 16 अगस्त 2008 (22:26 IST)
माइकल फेल्प्स खेल के पहले अरबपति बनने की राह पर हैं, लेकिन अमेरिका के बुलट तैराक ने जोर देते हुए कहा कि वह धन कमाने के लिये पूल में सनसनी नहीं फैलाते।

बचपन में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर (एडीएचडी) से उबरने के लिए इस जल पुरुष ने तैराकी चुनी थी। लेकिन विज्ञापन से उन्हें अब तक 50 लाख डॉलर मिल चुके हैं, जबकि बीजिंग ओलिम्पिक में आज सातवाँ स्वर्ण पदक जीतने के बाद स्पीडो फोर्ट से उन्हें 10 लाख ॉलर का बोनस मिलेगा।

फेल्प्स ने 100 मीटर बटरफ्लाई में सोने का तमगा हासिल कर मार्क स्पिट्ज के रिकॉर्ड की बराबरी की और इस बुलट तैराक ने कहा कि वह तैराकी धन की खातिर नहीं कर रहे।

उन्होंने कहा कि मैं धन के लिए यह सब नहीं कर रहा हूँ। मैं ऐसा कर रहा हूँ क्योंकि मुझे ऐसा करने में आनंद आता है। मैंने जब से तैराकी शुरू की थी तब से मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था। सौभाग्य से मैं अपने लक्ष्य से ज्यादा उपलब्धियाँ हासिल करता जा रहा हूँ।

उन्होंने कहा कि अगर कोच बाब बावमैन और मैं धन कमाना चाहते तो मुझे लगता है कि हमें किसी और खेल में होना चाहिए ा मैं निश्चित रूप से धन के लिए यह सब नहीं कर रहा हूँ।

फेल्प्स ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और मैं फिर कहूँगा। मेरा लक्ष्य तैराकी के खेल में बदलाव लाना है। बच्चों के लिए जो खेल में आ रहे हैं और अमेरिका के खेलों के लिए।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने दोस्त से स्पोर्ट्स सेंटर की एक जीवंत तस्वीर पाई। उन्होंने बेसबाल मैच के बीच में इसका जीवंत प्रसारण किया था। इसलिए मेरा लक्ष्य चीजों को बदलना है, लेकिन इसके लिए लंबा सफर तय करना है। मैं मानता हूँ कि बॉब और मैं भविष्य में कुछ और लक्ष्य के लिए सोंच सकते हैं।

ओलिम्पिक खेलों में स्पिट्ज के सात स्वर्ण के रिकॉर्ड को तोड़ने के कगार पर पहुँच चुके फेल्प्स ने कहा कि जब कोई सपने देखना शुरू करता है तो उसे बड़े सपने देखने चाहिए।

उन्होंने कहा कि आप काई भी कल्पना करें कुछ भी हो सकता है। जितने बड़े सपने देखना चाहें देखें हर कुछ संभव है। कुछ लोगों ने कहा कि नकल करना असंभव है और यह नहीं हो सकता। यह दिखाता है कि वास्तव में कुछ भी हो सकता है।

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