ओलिम्पिक में अपने वजूद के लिए जूझता ताइक्वांडो उस ताजा विवाद के बाद इन खेलों से बाहर हो सकता है जिसमें हार से क्रोधित एक खिलाड़ी एंजेल वालोडिया माटोस ने रैफरी के मुँह पर लात मार दी।
चार बरस पहले भी रैफरी के फैसलों पर एथेंस ओलिम्पिक की ताइक्वांडो स्पर्धा में काफी विवाद पैदा हो गए थे।
क्यूबा के खिलाड़ी माटोस ने एक बार फिर इस खेल को आलोचना के दायरे में ला दिया है। 80 किलो प्लस में काँस्य पदक के मुकाबले के दौरान इंजुरी टाइम में अधिक समय लगाने पर स्वीडिश रैफरी चाकिर चेलबाट ने उन्हें बाहर कर दिया। इस फैसले के तुरंत बाद उसने रैफरी के मुँह पर लात दे मारी।
चेलबाट का होंठ इससे कट गया और उन्हें टाँके लगाने पड़े। विश्व ताइक्वांडो महासंघ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए माटोस पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया।
अंतरराष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति ने सिर्फ एक वोट के आधार पर ताइक्वांडो को इस बार ओलिम्पिक में बनाए रखा है। अगली बार उसे खेलों से बाहर भी होना पड़ सकता है क्योंकि क्रिकेट, रग्बी, गोल्फ और कराटे को ओलिम्पिक शामिल किए जाने के लिए जमकर लॉबिंग हो रही है।