अमित और नरसिंह ने किया निराश

शुक्रवार, 10 अगस्त 2012 (23:48 IST)
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भारत के लिए लंदन ओलिंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में शुक्रवार का दिन बेहद निराशाजनक रहा जब उसके दोनों पहलवान अमित कुमार दाहिया और नरसिंह यादव अपने अपने वर्ग में शिकस्त के साथ कोई पदक हासिल नहीं कर सके। लंदन ओलिंपिक के 14वें दिन भारत की ओर से शुक्रवार को सिर्फ ये दोनों पहलवान ही चुनौती पेश कर रहे थे।

भारतीय कुश्ती दल के सबसे युवा पहलवान 19 वर्षीय अमित के पास कांस्य पदक जीतने का मौका था लेकिन वे रेपेचेज राउंड में अपनी चुनौती को बरकरार नहीं रख सके जबकि उनके साथी नरसिंह पहले दौर में ही बाहर हो गए और उन्हें रेपेचेज राउंड में खेलने का मौका भी नहीं मिला।

अमित ने 55 किग्रा फ्रीस्टाइल के प्री क्वार्टर फाइनल में अपने से कहीं मजबूत और लंबे ईरान के पहलवान रहीमी हसन सबजाली को 3-1 से हराकर अच्छी शुरुआत की थी लेकिन अगले दौर में उन्हें जार्जिया के व्लादिमीर खिंचेगाशविली के हाथों इसी स्कोर से हार का सामना करना पड़ा।

खिंचेगाशविली हालांकि सेमीफाइनल में जापान के शिनिची युमोटो को हराकर इस स्पर्धा के फाइनल में प्रवेश करने में सफले जिससे अमित को रेपेचेज राउंड के जरिए कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करने के मौका मिला। यह युवा भारतीय पहलवान हालांकि रेपेचेज के दूसरे राउंड में दमदार प्रदर्शन करने में नाकाम रहा और बुल्गारिया के अनुभवी पहलवान रादोस्लाव मारिनोव वेलिकोव से 3-0 से हार गया। अमित के पास वेलिकोव की तेजी का कोई जवाब नहीं था जिन्होंने भारतीय पहलवान को मुकाबले के दौरान अंकों से महरूम रखा।

वेलिकोव हालांकि भारतीय पहलवान पर दबदबा नहीं बना पाए लेकिन बुल्गारिया के इस पहलवान ने अहम मौकों पर अंक जुटाए और कांस्य पदक प्लेऑफ मुकाबले में जगह बनाने में सफल रहे जहां उनका सामना युमोटो से होगा।

दूसरी तरफ 74 किग्रा वर्ग में नरसिंह के पास अपने से बेहतर कनाडाई प्रतिद्वंद्वी मैथ्यू जुडाह गेंट्री का कोई जवाब नहीं था जिन्होंने भारतीय पहलवान को बेहद आसानी से 3-1 से हरा दिया। मैथ्यू अगले दौर में अमेरिका के जोर्डन अर्नेस्ट बुरोगस ने 1-3 से हार गए जिससे नरसिंह का रेपेचेज के जरिए स्पर्धा में बने रहना का सपना भी टूट गया।

इससे पहले गुरुवार को भारत की एकमात्र महिला पहलवान गीता फोगट भी 55 किग्रा वर्ग में अपने लगातार दोनों मुकाबले हारकर पदक की दौड़ से बाहर हो गई थीं। भारतीय हॉकी टीम पुरुष स्पर्धा में अंतिम स्थान पर रहने से बचने की जंग में दक्षिण अफ्रीका का सामना करेगी।

लंदन ओलिंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है और वे अपने ग्रुप में पांचों मैच हारकर अंतिम स्थान पर रहा और एक भी अंक नहीं जुटा सका। अब टीम के सामने 12 टीमों की प्रतियोगिता में अंतिम स्थान पर आने से बचने की चुनौती है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 11वें और 12वें स्थान का प्लेऑफ मैच मोंशेनग्लाबाख में 2006 विश्व कप के इसी स्थान के क्वालीफिकेशन मुकाबले की याद ताजा करेगा जब भारत ने इसी टीम को हराकर 11वां स्थान हासिल किया था।

लंदन ओलिंपिक खेलों के अंतिम दिन भारतीय चुनौती अब सिर्फ एथलेटिक्स और कुश्ती में बची है। ट्रैक एंड फील्ड में अगले दो दिन में बसंत बहादुर राणा 50 किमी पैदल चाल जबकि रामसिंह यादव मैराथन में चुनौती पेश करेंगे।

कुश्ती में भारत की उम्मीदें अगले दो दिन में बीजिंग खेलों के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त पर टिकी होंगी। भारत ने लंदन ओलिंपिक में अब तक एक रजत और तीन कांस्य सहित चार पदक जीते हैं। भारत ने पुरुष निशानेबाजी में एक रजत और एक कांस्य तथा महिला बैडमिंटन और महिला मुक्केबाजी में एक एक कांस्य पदक जीता है। (भाषा)

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