लंदन ओलिंपिक में ब्रिटेन की टीम (टीम जीबी) के अच्छे प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने यह कहकर विवादों को न्योता दिया कि स्कूल प्रतियोगी खेलों की बजाय दो घंटे ‘भारतीय डांस’ पर खर्च कर रहे हैं।
कैमरन ने कहा कि उन्होंने स्कूलों में खेल पर दो घंटे खर्च करने के लक्ष्य को हटा दिया है, क्योंकि कुछ युवा ये समय खेलने के लिए इस्तेमाल करने की जगह भारतीय डांस पर खर्च करते हैं। गौरतलब है कि ब्रिटेन में ‘बॉलीवुड डांस’ के नाम से मशहूर भारतीय डांस काफी चर्चित हो रहा है और हिन्दी सिनेमा के मशहूर गानों पर ऐसे डांस सिखाने वाली कई कार्यशालाएं चल रही हैं।
ब्रिटेन में इसे व्यायाम के तौर पर भी देखा जाता है, लेकिन स्कूलों में इसे नियमित तौर पर सिखाने के कुछ ही उदाहरण हैं।
कैमरन ने कहा, इस दो घंटे के लक्ष्य के साथ अभी तक समस्या यह हुई कि कई स्कूल इस वक्त को भारतीय डांस या किसी अन्य काम में खर्च करते हैं, जिसे आप और मैं एक खेल के तौर पर नहीं देख सकते। इसलिए इस बात की सोच पनपने का खतरा है कि सिर्फ धन और एक लक्ष्य की जरूरत है।
कैमरन के इस बयान के बाद इंटरनेट पर टिप्पणियों की बाढ़ आ गई है। ये टिप्पणियां उन लोगों की हैं, जो भारतीय डांस को एक तरह का व्यायाम मानते हैं। एक पाठक ने गार्डियन अखबार को लिखा, सत्तर के दशक में हमने प्राथमिक स्कूलों में काउंटी डांस किए।
भारतीय डांस काफी ऊर्जावान है और यह एक बॉल के साथ दौड़ने में उत्साह नहीं रखने वाले लोगों में भी उत्साह लाता है। कैमरन की टिप्पणी मुझे नस्ली लगी।
दूसरे पाठक ने लिखा, कैमरन किसी दूसरे ग्रह पर रहते हैं। किसी भी तरह का व्यायाम अच्छा है। सभी लोग दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते और अगर लड़कियां या पुरुष भारतीय डांस करना चाहते हैं, तो काफी अच्छा है। भारतीय डांसर मुझे काफी अच्छे लगते हैं। (भाषा)