भारत के लंदन ओलिंपिक खेलों में 12 देशों के बीच अंतिम स्थान पर रहने के कारण बेहद निराश कप्तान भरत छेत्री ने कहा कि उनकी टीम इतनी अच्छी नहीं है कि वह ओलिंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेल पाए।
छेत्री ने 11वें और 12वें स्थान के लिए खेले गए मैच में दक्षिण अफ्रीका के हाथों 2-3 की हार के बाद कहा कि हमें लगता था कि हम यहां अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन टीम ओलिंपिक खेलों जैसे शीर्ष स्तर के टूर्नामेंट में खेलने के लायक नहीं थी।
भारत इससे पहले अपने पांचों पूल मैच भी गंवा बैठा था। यह ओलिंपिक में उसका सबसे बुरा प्रदर्शन है। भारत ओलिंपिक खेलों से पहले रैंकिंग में दसवें स्थान पर था। भारत ने दो महीने पहले मलेशिया में अजलन शाह कप में तीसरा स्थान हासिल किया था लेकिन छेत्री ने कहा कि ओलिंपिक जैसे टूर्नामेंट में सफलता के लिए अनुभव काफी अहम होता है।
उन्होंने कहा कि हमें इस तरह के टूर्नामेंट के लिए अच्छी तरह से तैयार होने की जरूरत है। यहां अनुभव काफी मायने रखता है। हमें लग रहा था कि हमारी टीम अच्छी है लेकिन हम अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे।
हमने यहां जो देखा और सीखा वह पिछले टूर्नामेंटों से एकदम भिन्न था। भारतीय उप कप्तान सरदार सिंह ने कहा कि प्रत्येक मैच में कई मौके गंवाने का टीम को भारी खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि लगातार छ: मैच गंवाकर बहुत बुरा महसूस हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरा गोल गंवाने से पूरी टीम प्रभावित थी। लगातार छ: मैच खेलना और उन सभी में हारकर बहुत बुरा लग रहा है।
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से पहला गोल करने वाले एंड्रयू क्रोन्ये ने कहा कि आखिर में जीत दर्ज करके बहुत अच्छा लग रहा है। हमें खुशी है कि हम आखिरी स्थान पर नहीं रहे। (भाषा)