लंदन ओलिंपिक में राष्ट्रीय पुरुष टीम के अंतिम स्थान पर रहने से स्तब्ध हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा ने इसकी पूरी जिम्मेदारी लेते हुए खराब प्रदर्शन की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं।
बत्रा के अनुसार कोच माइकल नोब्स, टीम मैनेजर और फिजियोथैरेपिस्ट 10 दिन के भीतर हॉकी इंडिया को आंतरिक रिपोर्ट सौंपेंगे और इस पर हॉकी इंडिया एक महीने के भीतर कार्रवाई करेगा। आठ बार का ओलिंपिक चैंपियन भारत लंदन खेलों के दौरान 12 टीमों की हॉकी प्रतियोगिता में अंतिम स्थान पर रहा और टीम अपने सभी मैच हार गई।
टीम को 11वें और 12वें स्थान के क्वालीफिकेशन मैच में भी यहां दक्षिण अफ्रीका के हाथों 2-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा। बत्रा टीम के खराब प्रदर्शन से निराश हैं। उन्होंने कहा कि परिवार का प्रमुख होने के नाते मैं इस लचर प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। पूरी टीम की तरफ से मै देश से माफी मांगना चाहता हूं।
उन्होंने बताया कि कोच, मैनेजर, फिजियोथैरेपिस्ट सभी 10 दिन के भीतर अपनी व्यक्तिगत रिपोर्ट हाकी इंडिया को सौंपेंगे। इसके बाद हम अपनी कोचिंग और विकास समिति के साथ आंतरिक रूप से इन रिपोर्ट को विशलेषण करेंगे और 30 दिन के भीतर नतीजे पर पहुंचेंगे।
बत्रा ने कहा कि हम कुछ पूर्व खिलाड़ियों को भी बुलाएंगे और कोई भी फैसला करने से पहले उनके सुझाव लेंगे। सब चीजों को सही करने के लिए हम सभी जरूरी सुधारवादी कदम उठाएंगे। यह पूछने पर क्या इस लचर प्रदर्शन के बाद कुछ लोगों को हटाया जा सकता, बत्रा ने कहा कि मैं किसी एक व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता, हॉकी टीम खेल है और हम एक टीम के रूप में नतीजे देने में विफल रहे।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी जरूरत के समय अपनी फार्म में शीर्ष पर नहीं पहुंच सके। ईमानदारी से कहूं तो मैंने ओलिंपिक में किसी बड़े नतीजे की उम्मीद नहीं की थी लेकिन मुझे टीम के अंतिम स्थान पर आने की आशंका भी नहीं थी। मुझे छठे या सातवें स्थान की उम्मीद थी। बत्रा ने कहा कि मैं खिलाड़ी के लौटने पर उनसे निजी तौर पर बात करके पूछूंगा कि क्या गलत हुआ। (भाषा)