अधिक (पुरुषोत्तम) मास शुरू हो गया है। यह महीना श्रीहरि विष्णुजी की उपासना का माना गया है। इन दिनों सच्चे मन से भगवान विष्णु का ध्यान, पूजन, मंत्र, श्लोक, धार्मिक पाठ, कथा और स्तोत्र, आरती, चालीसा आदि का पाठ करने का विशेष महत्व है। पौराणिक शास्त्रों में भगवान विष्णु के 1000 नामों की महिमा अवर्णनीय है।
इन नामों का संस्कृत स्वरूप विष्णुसहस्रनाम के रूप में विद्यमान है। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने वाले व्यक्ति को यश, सुख, ऐश्वर्य, संपन्नता, सफलता, आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्त होता है, मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यहां प्रस्तुत है विष्णुसहस्रनाम का संपूर्ण पाठ :-
मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
विष्णुसहस्रनाम पाठ -
ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।
भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।।
पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः।
अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। 2 ।।