- दसों दिशाओं में घी के दीपक जलाकर धूप, दीप और फल आदि समर्पित करना चाहिए।
इसी तरह रात्रि के समय पुन: शुद्ध होकर पुष्प, अलक तथा चंदन आदि से- ऐन्द्री, आग्रेयी, याम्या, नैऋति, वारुणी, वाल्व्या, सौम्या, ऐशनी, अध्: तथा ब्राह्मी इन 10 आशा देवियों का पूजन करें।