भड़ली नवमी नवमी तक विवाह के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके बाद देवशनी एकादशी के बाद सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। आओ जानते हैं कि भड़ली नवमी कब है, क्या है इसका महत्व, पूजा विधि, मुहूर्त और विवाह बाधा दूर करने के 5 उपाय।
भड़ली नवमी कब है 2022 : आषाढ़ शुक्ल की नवमी को भड़ली कहते हैं। इस बार यह 8 जुलाई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इसके बाद 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी है।
महत्व : अक्षया तृतीया की तरह ही इसका महत्व है, क्योंकि इस दिन भी अबूझ मुहर्त रहता है। यानी पूरे दिन ही शुभ मुहूर्त रहता है। विवाह के लिए यह खास दिन माना गया है। इस दिन बिना मुहूर्त देखें ही विवाह की रस्म संपन्न करवाई जा सकती है। इस दिन ही सभी शुभ कार्यों को संपन्न कर लिया जाता है क्योंकि देवशयनी एकादशी के बाद अगले चार महीनों तक कोई भी शुभ मुहूर्त मान्य नहीं होता है।
शुभ मुहूर्त : वैसे तो इस दिन पूरे ही दिन शुभ मुहूर्त रहता है। फिर भी जान ले इस दिन के मुहूर्त।
1. अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:36 से 12:30 तक।
2. विजय मुहूर्त : दोपहर 02:19 से 03:14 तक।
3. गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:39 से 07:03 तक।
4. रवियोग : दोपहर 12:14 से अगले दिन सुबह 05:14 तक।
विवाह के लिए अन्य तारीखें : 4, 6, 7, 8 और 9 जुलाई।
Ekadashi Vishnu Worship
भड़ली नवमी की पूजा :
1. भड़ली नवमी का पर्व भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
2. सूर्योदय से पहले जागकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
3. एक चौकी पर नया कपड़ा बिछाकर भगवान श्री विष्णु की प्रतिमा Lord Vishu स्थापित करें।
4. इस दिन श्री विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनका विधिवत पूजन करें।
5. भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है, अत: पूजन के समय उन्हें पीले रंग के पुष्प चढ़ाएं।
6. विष्णु जी की पूजा करते समय धूप-दीप जलाएं।
7. श्री विष्णु की कथा का वाचन करें।
8. पूजन के बाद विष्णु जी और लक्ष्मी जी की आरती करें।
9. पूजन के उपरांत पीले रंग की मिठाई अथवा पीले फलों का भोग लगाएं।
10. श्री विष्णु का निवास केले के वृक्ष में भी माना गया है अत: गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा अवश्य करें और जल भी चढ़ाएं।
11. भगवान् श्रीहरि विष्णु के नामों का अधिक से अधिक जाप करें।
12. श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
Corona n marriage
विवाह के लिए उपाय- Remedies for marriage:
1. पुरुष हैं तो हीरा पहनें और महिला हैं तो पुखराज पहनें। पहनने के पूर्व किसी ज्योतिष की सलाह लें।
2. किसी लाल गाय को रोटी में गुड़ लपेटकर खिलाते रहें या केसर भात खिलाएं। यह भी कर सकते हैं कि किसी भी गाय को गुरुवार को आटे के दो पेड़े पर थोड़ी हल्दी लगाकर खिलाएं तथा इसके साथ ही थोड़ासा गुड़ और चने की पीली दाल भी खिलाएं।
3. विवाह योग्य लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए।
4. घर के दक्षिण भाग में नीम का पेड़ लगाएं और उसे प्रतिदिन जल चढ़ाएं और गुरुवार को पीपल के वृक्ष के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
5. भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है। साथ ही माथे पर प्रतिदिन केसर या चंदन का तिलक लगाएं, तुलसी की माला पहनें।