4. चैत्र पूर्णिमा पर नदी, तीर्थ, सरोवर और पवित्र जलकुंड में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दान, जप, हवन और व्रत भी किया जाता है। इस दिन गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए।
पूर्णिमा व्रत-पूजन नियम : प्रातः काल स्नान करने के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें। फिर व्रत का संकल्प लेकर भगवान सत्य नारायण की पूजा करने के बाद उनकी कथा सुने। हनुमानजी और श्रीकृष्ण का पूजन करने के बाद रात्रि में विधि पूर्वक चंद्रदेव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करें। अंत में किसी गरीब को भोजन कराएं या किसी मंदिर में दान देकर ही व्रत पूर्ण करें।