उसके बाद आप काले आसन पर बैठ जाएं।
काल भैरव की तस्वीर के सामने सरसों के तेल में चार बाती वाला दीपक जलाएं।
हवन करते समय मंत्र आपको 108 बार करना है।
ध्यान रखें कि आपको उस जगह से तब तक नहीं उठना है, जब तक विधि पूरी न हो जाएं।
जब आप यह विधि कर रहे हैं तब किसी तरह की रोकाटोकी नहीं होनी चाहिए।
जब आप यह विधि पूरी कर लें सब कुछ वहीं पड़ा रहने दें। उसके बाद अगले दिन अपने दुश्मन के घर में उस कील को लगा दें। उसकी नजर और ईर्ष्या से आप बचकर रहेंगे। बाकी का बचा चार कीलों का टोटका सामान किसी नदी में प्रवाहित कर दें।
दुश्मन के घर कील गाड़ने के बाद जब आप अपने घर आएं तो पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना ना भूलें। इस तरह से आपकी यह विधि पूरी हुई। इससे दुश्मन का कोई नुकसान नहीं होगा, बस आप उसकी बुरी नजर, बुरे शब्द, बुरे विचार से बच जाएंगे।