विजय मुहूर्त : दोपहर 02:42 से 03:32 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:39 से 07:03 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 06:52 से रात्रि 08:01।
योग : वैधृति योग शाम 05:00 तक, उसके बाद विष्कुम्भ योग।
क्या और कैसे करें तैयारी :
पूजा सामग्री : ज्येष्ठा और कठिष्ठा लक्ष्मी का चित्र या मूर्तियां। मूर्तियों के साथ बालक या बालिका की मूर्ति। कलश, नारियल, मौली, दीपक, चौकी या पाट, लाल वस्त्र, लाल कपड़ा बिछाने का, दो कुश के आसन, माला, खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान, फूल, दूर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, कैले के पत्ते, आम के पत्ते, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, षोडशमातृकाएं, गंगाजल, सुगंध, 16 श्रृंगार का सामान, आरती की थाली आदि। यह सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
पूजा स्थान : पूजा स्थान उत्तर या ईशान कोण में रखें। उसे अच्छे से साफ सुथरा करके पवित्रीकरण करें। फिर वहां पर स्वास्तिक बनाएं और उस पर चावल रखकर वहां पर चौकी स्थापित करें। पूजा स्थान को अच्छे से हार, फूल और पत्तों से सजाएं।