मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान, पुण्य तथा जाप करने चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का सामर्थ्य तीर्थस्थान पर जाने का नहीं है, तब उसे अपने घर में ही प्रात:काल दैनिक कर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करना चाहिए। पुराणों के अनुसार इस दिन सभी नदियों का जल गंगाजल के समान हो जाता है। इस दिन स्नान करते हुए मौन धारण करें तथा जाप करने तक मौन व्रत का पालन करें।
मौनी अमावस्या स्नान-दान के नियम- Mauni Amavasya Niyam
1. मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें।
2. फिर ब्रह्म मुहूर्त में गंगा नदी, सरोवर तट या पवित्र कुंड में स्नान करें।
3. स्नान के पश्चात साफ और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
4. एक तांबे के लोटे में जल भरकर काले तिल मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
5. सूर्य अर्घ्य के बाद मंत्रों का जप और अपने सामर्थ्यनुसार दान करें।
6. इस दिन छाता, वस्त्र, बिस्तर, गाय, सोना या अन्य उपयोगी सामग्री का सामर्थ्यनुसार दान करें।
7. मौनी अमावस्या के दिन ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हुए अपना आचरण शुद्ध रखें।
8. यदि संभव हो दिनभर मौन व्रत धारण करके व्रत रखें।
9. कोई भी रोग होने पर गुड़ व आटा दान करें।
10. मौनी अमावस्या के दिन गुस्सा करने से बचें, अपशब्दों का प्रयोग न करें, वाद-विवाद तथा नशा न करें।
11. आज के दिन गायत्री मंत्र का जाप या मंत्रोच्चारण के साथ या श्रद्धा, भक्तिपूर्वक दान करना चाहिए।
अमावस्या पूजा विधि-Amavasya Puja Vidhi 2022
- मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें।
- मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर व्रत-उपवास रखें।
- नहाने से पूर्व जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें।
- गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें, साफ वस्त्र पहनें।
- सूर्यदेव को काले तिल डालकर जल का अर्घ्य अर्पित करें।
- इस दिन पितरों का पूजन करने का विधान है, इससे पितृ प्रसन्न होकर वरदान और आशीष देते हैं।
- अगर नदी या सरोवर तट पर स्नान कर रहे हैं तो तिल मिश्रित जलधारा प्रवाहित करें।
- फल, फूल, धूप, दीपक, अगरबत्ती आदि चीजों से भगवान विष्णु जी का पूजन करें।
- पूजन के बाद गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं, तत्पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करें।
- आज के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार भक्तिपूर्वक दान अवश्य करें।
मौनी अमावस्या के मुहूर्त-Amavasya Muhurat
मौनी अमावस्या 1 फरवरी 2022, मंगलवार
माघ अमावस्या तिथि- 31 जनवरी दोपहर 2.20 मिनट से शुरू,
माघ अमावस्या तिथि का समापन- 1 फरवरी को 11.18 मिनट पर होगा।