आज ललिता पंचमी (lalita panchami 2022) है शारदीय नवरात्रि में दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। और नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के साथ ही ललिता पंचमी भी मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखकर माता ललिता, शिव जी तथा स्कंद माता का पूजन किया जाता है।
कौन हैं मां ललिता- पौराणिक शास्त्रों के अनुसार ललिता देवी माता सती पार्वती का ही एक रूप हैं। देवी ललिता का ध्यान रूप बहुत ही उज्ज्वल व प्रकाशवान है। देवी ललिता की दो भुजाएं हैं। यह माता गौर वर्ण होकर रक्तिम कमल पर विराजित हैं। दक्षिणमार्गी शाक्तों के मतानुसार देवी ललिता को 'चंडी' का स्थान प्राप्त है।
मां ललिता दस महाविद्याओं में से ही एक हैं, अत: पंचमी के दिन ललिता पंचमी व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होकर ललिता माता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। जनमानस में इसे 'उपांग ललिता व्रत' के नाम से जाना जाता है।
यहां पढ़ें चालीसा, आरती और विशेष मंत्र-
मां ललिता चालीसा : जयति-जयति जय ललिते माता...
।।चौपाई।।
जयति-जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता।।
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी।।
तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी।।
मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी। भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी।।
आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा।।
हृदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी।।
दश विद्या है रूप तुम्हारा। श्री चन्द्रेश्वरी नैमिष प्यारा।।