Vishwakarma Jayanti 2024: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ब्रह्मांड के रचयिता भगवान विश्वकर्मा की जयंती इस वर्ष गुरुवार, 22 फरवरी 2024 को मनाई जा रही है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार माघ शुक्ल त्रयोदशी तिथि को विश्वकर्मा जी के पूजन का विशेष महत्व है। मान्यतानुसार यदि पूरे विधि-विधानपूर्वक इनकी पूजा की जाए तो जीवन के तमाम कष्ट समाप्त होते हैं, व्यापार में आने वाली कठिनाइयां दूर होकर घर में हमेशा धन-संपदा का वास रहता है।
भगवान विश्वकर्मा जो कि इस ब्रह्मांड के रचयिता के रूप में जाने जाते हैं, आज हम जो कुछ भी देखते हैं वो सब उन्होंने ही बनाया है। विश्वकर्मा जी ने भगवान ब्रह्मा के कहने पर यह दुनिया बनाई थी। इतना ही नहीं द्वारका, हस्तिनापुर से लेकर, शिवजी का त्रिशूल भी उन्होंने ही बनाया है।
हर साल माघ मास में भारत के उत्तर तथा पश्चिमी क्षेत्रों में भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। यह तिथि माघ शुक्ल त्रयोदशी के दिन पड़ती है। उनकी जयंती मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी मनाई जाती है। इसके अलावा भारत के पूर्वी हिस्सों यानी झारखंड, उड़ीसा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल आदि स्थानों पर विश्वकर्मा जयंती सितंबर के महीने में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता में विश्वकर्मा जयंती वह दिन माना जाता है, जब ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा पृथ्वी पर प्रकट हुए थे।
आइए यहां जानते हैं पूजन के मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि, आरती और चालीसा के बारे में-
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