भारतीय पहलवान निशा दहिया दायें हाथ में चोट के कारण शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सकी और महिला 68 किग्रा कुश्ती मुकाबले के क्वार्टर फाइनल में सोमवार को उत्तर कोरिया की पाक सोल गम से हार गयी।सोल गम ने निशा को 10-8 से शिकस्त दी।
एशियाई चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता पहलवान निशा ने उत्तर कोरिया की पहलवान के खिलाफ शुरुआती कुछ सेकेंड में ही 4-0 की बढ़त बना ली। उन्होंने इसके बाद तीन मिनट के शुरुआती पीरियड में रक्षात्मक रवैया अपनाकर उत्तर कोरिया की पहलवान को कोई मौका नहीं दिया।
सोल गम ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत कर एक अंक हासिल किया लेकिन निशा ने उन्हें रिंग से बाहर निकल कर अपनी बढ़त 6-1 कर ली। उन्होंने दो और अंक के साथ अपनी बढ़त मजबूत की लेकिन इस दौरान उनका दाहिना हाथ गंभीर रूप से चोटिल हो गया।
अभी मुकाबले में एक मिनट बचा था और 25 साल की यह पहलवान दर्द से कराहने लगी थी। उन्होंने इलाज के बाद खेल शुरू किया लेकिन उत्तर कोरिया की पहलवान को रोकने में सफल नहीं रही।वह नम आंखों के साथ मैट से नीचे उतरी।
निशा को अब इंतजार करना होगा कि उन्हें रेपेचेज के जरिए कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करने का मौका मिलता है या नहीं। अगर पाक सोल गम फाइनल में पहुंची तो निशा रेपेचेज दौर में जाएंगी।
सोल गम देर रात सेमीफाइनल में अमेरिका की एमित एलोर की चुनौती का सामना करेगी।निशा ने इससे पहले अंतिम 16 के मैच में यूक्रेन की तेतियाना सोवा के खिलाफ विजयी शुरुआत की थी।
महिलाओं के 68 किग्रा वर्ग में यूक्रेन की पहलवान के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करने के बाद निशा दहिया को उत्तर कोरिया की सोल गम पाक के खिलाफ दायें हाथ में गंभीर चोट लग गयी। उन्हें स्कैन के लिए खेल गांव के अंदर एक चिकित्सा सुविधा में ले जाना पड़ा।
भारत के राष्ट्रीय कोच वीरेंद्र दहिया ने PTI-(भाषा) से कहा, यह शत प्रतिशत जानबूझकर किया गया था, उसने जानबूझकर निशा को चोट पहुंचाई। हमने देखा था, कोरियाई कोने से एक निर्देश आया था जिसके बाद उसने कलाई की जोड़ के पास पर हमला किया। उसने निशा से पदक छीन लिया।
कोच ने कहा, जिस तरह से निशा ने शुरुआत की थी, पदक उसके गले में था और उसे छीन लिया गया है। निशा रक्षण और जवाबी हमले दोनों में शानदार थी उसने एशियाई क्वालीफायर में उसी पहलवान को हराया था।
कोरिया की खिलाड़ी अगर फाइनल में पहुंचती है, तो निशा पदक की दौड़ में वापसी कर सकती है, लेकिन अगर उसे रेपेचेज मिलता है, तो भी चोट की सीमा तय करेगी कि वह मैट ले पाएगी या नहीं।