भारतीय मूल के कई खिलाड़ी दूसरे देशों के लिये ओलंपिक में रहेंगे इन खेलों का हिस्सा

WD Sports Desk
मंगलवार, 23 जुलाई 2024 (12:32 IST)
पेरिस ओलंपिक में भारत सिर्फ भारतीय दल तक सीमित नहीं होगा बल्कि भारतीय मूल के कई खिलाड़ी दूसरे देशों के लिये अपना जलवा बिखेरते नजर आयेंगे। PTI (भाषा) ने भारतीय मूल के कुछ खिलाड़ियों की समीक्षा की है।

राजीव राम ( टेनिस, अमेरिका ) :

इस सूची में सबसे जाने माने खिलाड़ी। अमेरिका के डेनवर में जन्मे 40 वर्ष के राजीव के माता पिता बेंगलुरू के रहने वाले थे। राजीव के पिता बोटेनिस्ट थे जिनका 2019 में कैंसर से निधन हो गया । वहीं उनकी मां सुषमा वैज्ञानिक तकनीशियन है। राम ने एक बार कहा था ,‘‘ मुझे अपनी भारतीय विरासत पर गर्व है। टेनिस में बहुत ज्यादा भारतीय नहीं हैं। हम एक समूह के रूप में जो भी कामयाबी अर्जित करेंगे, उससे आने वाली पीढी को प्रेरणा मिलेगी।’’

अमेरिका के लिये खेलते हुए राजीव ने चार पुरूष युगल और एक मिश्रित युगल ग्रैंडस्लैम जीता है। उन्होंने 2016 रियो ओलंपिक में वीनस विलियम्स के साथ मिश्रित युगल खेला था। इस बार वह पुरूष युगल में भाग लेंगे।

प्रिथिका पावडे ( टेबल टेनिस, फ्रांस )

प्रिथिका के पिता का जन्म पुडुच्चेरी में हुआ था। वह 2003 में शादी के बाद पेरिस जा बसे और एक साल बाद प्रिथिका का जन्म हुआ। खुद टेबल टेनिस खिलाड़ी रहे उनके पिता ने उन्हें इस खेल से रूबरू कराया जब वह छह साल की थी।

उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में तोक्यो में पहला ओलंपिक खेला।रसायन और पर्यावरण विज्ञान की छात्रा 19 वर्ष की प्रिथिका महिला एकल , महिला युगल और मिश्रित युगल में खेलेगी।

कनक झा ( टेबल टेनिस , अमेरिका ) :

भारतीय मूल के एक और खिलाड़ी कनक झा अमेरिका के लिये खेलेंगे । झा की मां करूणा मुंबई से और पिता अरूण कोलकाता और प्रयागराज से हैं। दोनों आईटी पेशेवर है।

झा ने कैलिफोर्निया में भारतीय समुदाय केंद्र से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया। झा की मां ने उन्हें हिन्दी और जैन धर्म सीखने के लिये जैनशाला और हिंदशाला में डाला। 24 वर्ष के झा चार बार अमेरिका के राष्ट्रीय चैम्पियन रह चुके हैं और पिछले दो ओलंपिक खेल चुके हैं । उसने युवा ओलंपिक 2018 में पदक जीता था। वह पेरिस में पुरूष एकल में खेलेंगे।
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शांति परेरा ( सिंगापुर, एथलेटिक्स ) :

सिंगापुर की फर्राटा क्वीन के नाम से मशहूर वेरोनिका शांति परेरा केरल मूल की है। उनके दादा दादी तिरूवनंतपुरम के वेट्टुकाड के थे। उनके दादा को सिंगापुर में नौकरी मिली और उन्होंने भारत छोड़कर वहां घर बसाया।

पिछले साल परेरा ने एशियाई खेलों में महिलाओं की 100 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता। सिंगापुर की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुनी गई परेरा ओलंपिक उद्घाटन समारोह में सिंगापुर के दो ध्वजवाहकों में से होंगी।

अमर धेसी (कुश्ती , कनाडा )

ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में जन्मे अमरवीर के पिता बलबीर धेसी खुद ग्रीको रोमन पहलवान रह चुके हैं। पंजाब के जालंधर के संघवाल गांव से निकले बलबीर को पंजाब पुलिस में नौकरी भी मिल गई थी लेकिन बेहतर जिंदगी की तलाश में वह 1979 में कनाडा चले गए।

उन्होंने 1985 में सर्रे में युवाओं के लिये खालसा कुश्ती क्लब शुरू किया। अमर अपने पिता और बड़े भाई परमवीर के साथ कुश्ती खेलता था। उसने तोक्यो ओलंपिक में पदार्पण करके पुरूषों के 125 किलो वर्ग में 13वां स्थान हासिल किया। उसने एक साल बाद पेन अमेरिकी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।

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