बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली है जमानत : एनआईए ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत आरोप दर्ज कराए थे, जिसे जांच एजेंसी ने बाद में वापस ले लिया। हालांकि गैरकानूनी गतिवधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अब भी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ कई मामलों में सुनवाई जारी है। उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट ने अप्रैल 2017 में स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दे दी थी।