इस्तीफे के बाद रूपाणी ने कहा कि समय के साथ पार्टी में दायित्व बदलते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछली बार जब रूपाणी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब विधानसभा चुनाव में पार्टी 99 सीटों पर सिमट गई थी। इस चुनाव में पार्टी ने 150 सीटें जीतने का लक्ष्य बनाया था। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
प्रारंभिक जीवन : स्वच्छ छवि के रूपानी का जन्म 2 अगस्त 1956 को 2 अगस्त 1956 को बर्मा के रंगून में जन्म हुआ। उन्होंने बीए, एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है। जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले रूपानी सौराष्ट्र क्षेत्र से आते हैं, जहां जैन बनिया समुदाय काफी बड़ी संख्या में है। छात्र जीवन से ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत कर दी थी।
राजनीतिक जीवन : राजकोट पश्चिम से विधायक विजय रूपानी ने 1971 में जनसंघ के सदस्य बने तथा इसी समय वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ गए। उन्होंने राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की। वे गुजरात के उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं, जो आपातकाल के दौरान जेल गए। रूपानी राज्यसभा सांसद के साथ पार्टी महासचिव भी रह चुके हैं।
युवाओं में लोकप्रिय रूपानी के बारे में कहा जाता है कि वे गुजरात की राजनीति को बखूबी समझते हैं। वे राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री भी रह चुके हैं साथ युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं। 60 वर्ष के रूपानी को केशुभाई पटेल के जमाने में पार्टी ने मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। विजय रूपानी को कुशल चुनाव प्रबंधन के लिए भी जाना जाता है। 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र-कच्छ इलाके में उन्होंने पूरी कुशलता से चुनाव का संचालन किया था, जहां भारी मतों से भाजपा की जीत हुई थी।