टीवी चैनलों पर मुखर होकर पार्टी का पक्ष रखने के लिए जानी जाती हैं। अंग्रेजी और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में अपनी पार्टी का पक्ष रखती हैं। कांग्रेस पार्टी या उसके नेताओं पर अनावश्यक अपत्तिजनक टिप्पणियों पर करारा जवाब देती नजर आती हैं। रागिनी के पिता मनोहर नायक जनसत्ता के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार थे।
राजनीतिक करियर : रागिनी छात्र राजनीति से सक्रिय हैं। संगठनात्मक क्षमता और निरंतर वाककला की बदौलत छात्र राजनीति मे रागिनी लोकप्रिय होती गईं। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन में उनका कद बढ़ता गया। 2005 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं। बाद में वे एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव बनी। राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने रागिनी को स्टार प्रचारक बनाया।