प्रयागराज में गंगा के किनारे कुंभ के दिनों में स्नान करना बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रयागराज में कुंभ स्नान 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेगा। इसमें 15, 21 और 31 जनवरी, 4, 10, 16 और 19 फरवरी एवं 4 मार्च को मुख्य स्नान होगें। लेकिन देखा जाए तो 15 जनवरी से 4 मार्च तक कभी भी स्नान करें सभी स्नान महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वक्त गंगा सबसे ज्यादा पुण्यदायी और पवित्र होती है।
कुंभ में गंगा स्नान, पूजन का महत्व : हिंदुओं के सभी तीर्थ नदियों पर बसे हैं। गंगा नदी हिंदुओं के लिए देवी और माता समान है। इसीलिए हिंदुओं के लिए गंगा स्नान का बहुत महत्व है। गंगा जीवन और मृत्यु दोनों से जुडी़ हुई है इसके बिना हिंदू संस्कार अधूरे हैं। गंगाजल अमृत समान है।
अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है कुंभ में मकर संक्राति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, पूर्णिमा, अमावस्या, महाशिवरात्रि और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, पूजन, दान एवं दर्शन करना महत्वपूर्ण माना गया है। गंगाजी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं।
गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है। मान्यता है कि गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। गंगा स्नान करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है। अमावस्या दिन गंगा स्नान और पितरों के निमित्त तर्पण व पिंडदान करने से सद्गती प्राप्त होती है और यही शास्त्रीय विधान भी है।