महाकुम्भ मेले में क्या होती है पेशवाई ? जानें आस्था के महापर्व से जुड़ी ये खास बात

WD Feature Desk

मंगलवार, 31 दिसंबर 2024 (13:17 IST)
Peshwai in Kumbh

Kumbh Mela 2025: महाकुंभ, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जो हर 12 साल में भारत के चार पवित्र शहरों में से एक में आयोजित किया जाता है। इस साल महाकुम्भ का आयोजन प्रयागराज में किया जा रहा है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत एकत्र होते हैं।

महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण है साधु-संतों की पेशवाई। महाकुंभ में साधु-संतों की पेशवाई एक अद्भुत नज़ारा होता है। यह एक भव्य जुलूस होता है, जिसमें विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत अपने-अपने अंदाज में शामिल होते हैं। इस लेख में हम आपको महाकुंभ में होने वाली पेशवाई के बारे में विस्तार से बताएंगे। जानिए क्यों लाखों लोग इस भव्य जुलूस को देखने के लिए उमड़ते हैं।

पेशवाई क्या है?
पेशवाई का अर्थ है ‘आगे बढ़ना’। महाकुंभ में पेशवाई का मतलब है साधु-संतों का संगम स्थल पर पहुंचने के लिए निकाला जाने वाला जुलूस। यह जुलूस रंग-बिरंगे वेशभूषा, संगीत और ढोल-नगाड़ों के साथ निकाला जाता है।

पेशवाई में क्या होता है?
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पेशवाई क्यों खास है?
धार्मिक महत्व: पेशवाई का धार्मिक महत्व है। इसे भगवान शिव को समर्पित माना जाता है।
सांस्कृतिक विरासत: पेशवाई भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
आस्था का प्रतीक: पेशवाई आस्था का प्रतीक है। लाखों लोग इस जुलूस को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

पेशवाई का महत्व
पेशवाई का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। यह साधु-संतों को एक मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी परंपराओं और संस्कृति को प्रदर्शित कर सकते हैं। साथ ही, यह लोगों को एकजुट करने का भी काम करता है।

 
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