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गंगा स्नान: मासिक धर्म के दौरान महिला नागा साधुएं गंगा में डुबकी नहीं लगातीं। वे गंगा जल को अपने ऊपर छिड़ककर संतोष कर लेती हैं।
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वस्त्र: वे केसरिया रंग के बिना सिले वस्त्र पहनती हैं। इस वस्त्र की वजह से वे मासिक धर्म के दौरान भी एक छोटा वस्त्र बहाव के स्थान पर लगा लेती हैं।
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माई बाड़ा: कुंभ के दौरान महिला नागा साधुओं के लिए माई बाड़ा बनाया जाता है। सभी महिला नागा साधु उसी में रहती हैं।
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मनन और ध्यान: मासिक धर्म के दौरान वे गंगा स्नान नहीं करतीं, बल्कि मनन और ध्यान में लीन रहती हैं।
महिला नागा साधुएं महाकुंभ में अपने धार्मिक नियमों का पालन करते हुए भाग लेती हैं। मासिक धर्म के दौरान वे गंगा स्नान नहीं करतीं, बल्कि गंगा जल को अपने ऊपर छिड़ककर संतोष कर लेती हैं। वे इस दौरान भी अपने आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ती रहती हैं।
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