प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रयागराज के महाकुंभ के पलट प्रवाह का असर विश्वनाथ धाम के इर्द-गिर्द के इलाके की गलियों में जबर्दस्त दिख रहा है, वहीं गलियां श्रद्धालुओं से अटी पड़ी हुई हैं। मौनी अमावस्या के बाद यह जरूर रहा कि काशी में मेला क्षेत्र यानी गोदौलिया चौराहा से दशाश्वमेध, गिरजाघर, चौक और जंगमबाड़ी मार्ग पर यातायात की स्थिति सामान्य रही। वहीं लक्सा, गुरुबाग, रामापुरा, बेनिया, लहुराबीर, मैदागिन, कमच्छा और ककरमत्ता सहित कुछेक अन्य इलाकों की सड़क पर राहगीरों को जाम की समस्या और भीड़ का सामना करना पड़ा।
यातायात व्यवस्था के लिए किए गए व्यापक इंतजाम के बावजूद लक्सा क्षेत्र में जाम में एक एम्बुलेंस फंसी रही। एम्बुलेंस में लेटी हुई बलिया की सुनीता देवी के परिजन जाम से जल्द निकलकर अस्पताल पहुंचने के लिए परेशान थे, वहीं विश्वनाथ धाम क्षेत्र के इर्द-गिर्द के इलाके में अगत्स्यकुंडा, गणेशमहाल, कालिका गली, पांडेयहवेली, केशरी गली सहित अन्य गलियां श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी हुई थी।
चितरंजन पार्क के सामने सड़क पर श्रद्धालुओं के बीच ही जमकर धक्का-मुक्की और नोकझोंक हुई। दशाश्वमेध इलाके में स्टील की तीन बैरिकेडिंग जमीन पर गिर गई थी तो श्रद्धालु उसी के ऊपर से गुजर रहे थे, वहीं दुकानों के सामने की गई बैरिकेडिंग से दुकानदारों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में दिक्कत हुई।
महाकुंभ पलट प्रवाह के बीच सड़क और रेल मार्ग दोनों काफी व्यस्त हैं। जिले की बाहरी सीमाओं पर ही बाहरी गाड़ियों को रोक दिया जा रहा है। नियमित और स्पेशल ट्रेनें 16 से 17 घंटे की देरी से चल रही हैं। ऐसे में प्रयागराज से वाराणसी आने में यात्रियों को 10 से 12 घंटे का समय लग जा रहा है।(फोटो सौजन्य : यूट्यूब)