Harsha Richhariya News: प्रयागराज महाकुंभ में एक युवा साध्वी हर्षा रिछारिया के शामिल होने से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उनकी खूबसूरती और सोशल मीडिया पर लोकप्रियता ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, लेकिन साथ ही कई सवाल भी खड़े हुए हैं। असल में मॉडल और एंकर हर्षा रिछारिया को प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल कराने और महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बिठाए जाने पर विवाद शुरू हो गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मामले में कहा कि महाकुंभ में इस तरह की परंपरा शुरू करना सरासर गलत है। यह विकृत मानसिकता का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि जिसने अभी यह तय नहीं किया है कि संन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है, उसे संत महात्माओं के साथ भगवा कपड़े में शाही रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है। श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब भी ठीक था, लेकिन इस तरह भगवा वस्त्र सिर्फ सन्यासियो को ही पहनने की अनुमति होती है। महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता देख जाना चाहिए था।
क्यों किया शंकराचार्य ने विरोध
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हर्षा रिछारिया के महाकुंभ में शामिल होने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि हर्षा रिछारिया को महामंडलेश्वर के शाही रथ पर बिठाया जाना उचित नहीं है। शंकराचार्य का मानना है कि महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता मायने रखती है।
उनका कहना है कि मैंने यह जीवन सुकून के लिए अपनाया है। वे उत्तराखंड की रहने वाली हैं और आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं। 30 वर्षीय साध्वी ने बताया कि 2 साल पहले उन्होंने सबकुछ त्याग दिया और साध्वी बन गईं। उन्होंने एंकरिंग और एक्टिंग भी की, देश-दुनिया भी घूमी, लेकिन कहीं सुकून नहीं मिला
हर्षा रिछारिया के मामले में एक तरफ जहां कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं।