कैसे मची महाकुंभ में भगदड़, अखाड़ों के अमृत स्नान पर क्या बोले रवींद्र पुरी महाराज

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 29 जनवरी 2025 (08:38 IST)
Prayagraj Mahakumbh stampede : महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति बनने से कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। इस घटना के बाद सभी अखाड़ों ने कुछ घंटों तक अमृत स्नान नहीं करने का निर्णय किया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि अमृत स्नान पर प्रशासन से बातचीत जारी है। देर से ही सही सभी 13 अखाड़े अमृत स्नान के लिए जा सकते हैं। ALSO READ: पीएम मोदी ने सीएम योगी से 1 घंटे में 2 बार बात की, महाकुंभ में भगदड़ का लिया जायजा
 
इससे पहले अमृत स्नान करने पहुंचा प्रथम अखाड़ा महानिर्वाणी बिना स्नान किए लौट गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने पत्रकारों को बताया कि अखाड़ा परिषद ने आज की घटना को देखते हुए यह निर्णय किया कि आज हम सभी अखाड़े अमृत स्नान नहीं करेंगे।
 
महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि सभी संत महात्माओं के लिए सिंहासन लगा था और नागा संन्यासियों सहित सभी संत महात्मा स्नान के लिए तैयार थे। जब हमें सुनने में आया कि कोई घटना घटी है, तब हमने जनहित में यह निर्णय किया कि हम आज मौनी अमावस्या का स्नान नहीं करेंगे। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि अखाड़े आज भी स्नान के लिए जा सकते हैं। भीड़ हटने के बाद होगा अखाड़ों का अमृत स्नान।
 
क्या है परंपरा : कुंभ मेला की परंपरा के मुताबिक, सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचकर एक तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं जिसमें क्रम में पहले स्थान पर पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान करता है। 
 
कैसे हुआ हादसा : मेला के लिए विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने पत्रकारों को बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं और उनका अभी इलाज चल रहा है। घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां कई घायलों के रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं।
 
अस्पताल के बाहर रोते हुए सरोजनी नामक महिला ने बताया कि दो बसों में हमारा 60 लोगों का बैच आया है। हम समूह में नौ लोग थे कि अचानक धक्का मुक्की हुई और कई लोग गिर गए। हम फंस गए और भीड़ बेकाबू हो गई। उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा कि बचने का कोई मौका नहीं था क्योंकि सभी तरफ से धक्का दिया जा रहा था।
 
उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पूर्व मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान किया, जबकि इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी।
 
Edited by : Nrapendra Gupta 

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