Budget Accommodation in Kumbh: महाकुंभ 2025, भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है जो13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू होने जा रहा है। इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु प्रयागराज में संगम के तट पर एकत्रित होंगे। अगर आप भी महाकुंभ 2025 में प्रयागराज आ रहे हैं तो रुकने के लिए महंगे होटलों की चिंता न करें। प्रयागराज में कई तरह के ठहरने के विकल्प उपलब्ध हैं। होटल और लॉज थोड़े महंगे हो सकते हैं, लेकिन कई सस्ते विकल्प भी उपलब्ध हैं। आइए इस आलेख में जानिए दरागंज, संगम तट, झूंसी जैसे क्षेत्रों में सस्ते रैन बसेरा और पंडाल के बारे में।
दरागंज क्षेत्र
दरागंज क्षेत्र प्रयागराज का एक प्रमुख क्षेत्र है। यहां कई धार्मिक स्थल और मंदिर स्थित हैं। महाकुंभ के दौरान यहां कई रैन बसेरा और पंडाल लगाए जाते हैं। ये रैन बसेरा और पंडाल आमतौर पर स्थानीय संगठनों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा संचालित होते हैं।
संगम तट पर बने रैन बसेरा
संगम तट महाकुंभ का मुख्य केंद्र है। यहां सरकार द्वारा कई रैन बसेरा बनाए जाते हैं। ये रैन बसेरा आमतौर पर मुफ्त या बहुत कम शुल्क पर उपलब्ध होते हैं। यहां आपको बिस्तर, कंबल और अन्य आवश्यक सुविधाएं मिल सकती हैं।
तीर्थ पुरोहित पंडाल
तीर्थ पुरोहित पंडाल महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है। ये पंडाल आमतौर पर तीर्थ पुरोहितों द्वारा संचालित होते हैं। यहां आपको रहने के साथ-साथ धार्मिक मार्गदर्शन भी मिल सकता है।
गंगा के पूर्वी क्षेत्र झूंसी
झूंसी प्रयागराज का एक शांत इलाका है। यहां कई आश्रम और धर्मशालाएं हैं जहां आप रह सकते हैं। ये आश्रम आमतौर पर कम खर्चीले होते हैं और यहां आपको शांतिपूर्ण वातावरण मिलेगा।
रैन बसेरा और पंडालों में क्या सुविधाएं मिलती हैं?
बिस्तर और कंबल: अधिकतर रैन बसेरा और पंडालों में बिस्तर और कंबल की सुविधा उपलब्ध होती है।
शौचालय और स्नानगृह: इनमें शौचालय और स्नानगृह की भी व्यवस्था होती है।
पेयजल: पीने का पानी भी उपलब्ध रहता है।
खाना: कुछ रैन बसेरा और पंडालों में भोजन की भी व्यवस्था की जाती है।